UPSC GS (Pre & Mains) Telegram Channel Join Now
UPSC History Optional Telegram Channel Join Now
5/5 - (2 votes)

प्रश्न: जनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता (GAI) की अवधारणा स्पष्ट कीजिए। विभिन्न क्षेत्रों में जनरेटिव एआई के उपयोगों की चर्चा करते हुए इनके सीमाओं का भी उल्लेख कीजिए।

Explain the concept of Generative Artificial Intelligence (GAI). Discuss the uses of Generative AI in various fields and also mention its limitations.

उत्तर: जनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता (GAI) एक उन्नत तकनीक है जो बड़ी मात्रा में डेटा का उपयोग करके नई और अनूठी सामग्री उत्पन्न करती है। यह गहन शिक्षण (Deep Learning) और जेनरेटिव एल्गोरिदम जैसे GANs (Generative Adversarial Networks) पर आधारित है। भारत में इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है और यह विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तनकारी भूमिका निभा रहा है।

जनरेटिव एआई के उपयोग

(1) स्वास्थ्य क्षेत्र: जनरेटिव एआई स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहा है। यह चिकित्सा अनुसंधान, नई दवाओं की खोज और रोग निदान के लिए उपयोगी है। यह डेटा का विश्लेषण करके प्रभावी उपचार की सिफारिश करता है और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को अधिक सटीक और तेज बनाता है।

(2) शिक्षा: जनरेटिव एआई छात्रों के लिए व्यक्तिगत शिक्षण सामग्री तैयार करता है और उनकी सीखने की प्रक्रिया को सरल बनाता है। यह तकनीक पाठ्यक्रमों को छात्रों की आवश्यकताओं के अनुसार डिजाइन करती है और शिक्षकों को अधिक प्रभावी शिक्षण रणनीतियाँ तैयार करने में मदद करती है।

(3) कला और मनोरंजन: यह तकनीक डिजिटल कला, संगीत, एनिमेशन और फिल्मों के निर्माण में नवाचार को बढ़ावा देती है। कलाकार और निर्माता इसे रचनात्मकता में वृद्धि के लिए उपयोग कर रहे हैं, जिससे नया और आकर्षक कंटेंट तैयार किया जा रहा है।

(4) व्यापार: व्यवसायों में उत्पाद डिज़ाइन, ग्राहक अनुभव और विपणन सामग्री को बेहतर बनाने के लिए जनरेटिव एआई का उपयोग हो रहा है। यह ग्राहकों की प्राथमिकताओं का विश्लेषण कर व्यवसायों को अधिक प्रभावी रणनीतियाँ तैयार करने में सहायता करता है।

(5) कृषि: कृषि क्षेत्र में जनरेटिव एआई फसल की उत्पादकता बढ़ाने, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने में सहायक है। यह किसानों को डेटा-संचालित निर्णय लेने और उनकी दक्षता बढ़ाने में मदद करता है।

जनरेटिव एआई की सीमाएं

(1) डेटा की गुणवत्ता: जनरेटिव एआई की सटीकता और प्रभावशीलता डेटा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। यदि डेटा त्रुटिपूर्ण हो तो गलत और अविश्वसनीय परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं।

(2) नैतिक चिंताएं: इस तकनीक का उपयोग नैतिक समस्याओं जैसे कि सामग्री की प्रामाणिकता, गोपनीयता और धोखाधड़ी को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। इसके प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए सख्त नीति की आवश्यकता है।

(3) तकनीकी आवश्यकताएं: उच्च-प्रदर्शन वाले कंप्यूटर और विशाल डेटा संसाधन जनरेटिव एआई की आवश्यकता होती है, जो इसे कई उपयोगकर्ताओं के लिए महंगा और अनुपलब्ध बनाता है।

(4) सांस्कृतिक विविधता: भारत जैसे बहुभाषीय और बहु-सांस्कृतिक देश में, जनरेटिव एआई को स्थानीय सांस्कृतिक संवेदनशीलता के अनुसार अनुकूलित करना चुनौतीपूर्ण है।

(5) नियामक बाधाएं: भारत में एआई के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट और सटीक नियमों का अभाव है। इससे तकनीक के दुरुपयोग का खतरा बढ़ सकता है।

भारत में जनरेटिव एआई के विकास की संभावनाएं

(1) शिक्षा और प्रशिक्षण: जनरेटिव एआई विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने और अनुसंधान एवं विकास में कौशल बढ़ाने के लिए शिक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।

(2) निवेश: एआई के अनुसंधान एवं विकास में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों से अधिक निवेश की आवश्यकता है। इससे तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और नई प्रौद्योगिकियाँ विकसित होंगी।

(3) सांस्कृतिक अनुकूलन: जनरेटिव एआई को भारतीय भाषाओं, परंपराओं और सांस्कृतिक संदर्भ के अनुसार अनुकूलित करने से इसका उपयोग अधिक प्रभावी होगा। यह तकनीक को समावेशी बनाएगा।

(4) नियामक ढांचा: सरकार को एआई नीति और सुरक्षा उपायों पर एक प्रभावी और स्पष्ट नियामक ढांचा विकसित करना चाहिए। यह तकनीकी विकास को सुरक्षित और नैतिक बनाएगा।

(5) सार्वजनिक जागरूकता: जनरेटिव एआई के उपयोग, लाभ और सीमाओं के बारे में लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। इससे समाज में तकनीक के प्रति विश्वास और स्वीकृति बढ़ेगी।

जनरेटिव एआई भारत के विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। इसके प्रभावी उपयोग के लिए शिक्षा, निवेश, सांस्कृतिक अनुकूलन और नियामक सुधारों की आवश्यकता है। यह तकनीक न केवल देश के विकास में सहायक हो सकती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत को एआई के क्षेत्र में अग्रणी बना सकती है।

"www.historyoptional.in" एक अनुभव आधारित पहल है जिसे राजेन्द्र मोहविया सर ने UPSC CSE की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से शुरू किया है। यह पहल विद्यार्थियों की समझ और विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ाने के लिए विभिन्न कोर्स प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, सामान्य अध्ययन और इतिहास वैकल्पिक विषय से संबंधित टॉपिक वाइज मटेरियल, विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का मॉडल उत्तर, प्रीलिम्स और मेन्स टेस्ट सीरीज़, दैनिक उत्तर लेखन, मेंटरशिप, करंट अफेयर्स आदि, ताकि आप अपना IAS बनने का सपना साकार कर सकें।

Leave a comment

Translate »
www.historyoptional.in
1
Hello Student
Hello 👋
Can we help you?
Call Now Button