Modern History | Mains Answer Writing | Hindi Medium |
Q1. 18वीं शताब्दी का भारत सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से उस गति से प्रगति करने में विफल रहा, जो देश को पतन से बचा सकता था। टिप्पणी कीजिए।
Q2. 1757 में प्लासी के युद्ध के लिए उत्तरदायी घटनाक्रमों का विवरण प्रस्तुत कीजिए। साथ ही, इसके ऐतिहासिक महत्व की भी विवेचना कीजिए।
Q3. 1765 से 1833 तक ब्रिटिश राज के साथ ईस्ट इंडिया कंपनी के संबंधों के विकास का पता लगाइए।
Q4. व्यापारी से लेकर क्षेत्रीय शक्ति बनने में, भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी (EIC) जानबूझकर निर्मित किये गये और चतुर योजनाओं के बजाय आकस्मिक दुर्घटनाओं से अधिक सफल रही। समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Q5. ब्रिटिश राज के दौरान शासन (गवर्नेस), लोक कल्याण के एक माध्यम के बजाय भारत के शोषण का एक साधन था। विवेचना कीजिए।
Q6. भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समाज के विभिन्न वर्गों के प्रयासों और बलिदानों के माध्यम से जीता गया था। इस संदर्भ में, राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष में आदिवासी महिलाओं द्वारा किए गए योगदानों की विवेचना कीजिए।
Q7. भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर के राष्ट्रवाद संबंधी दृष्टिकोण में अंतर्निहित प्रमुख सिद्धांतों को वर्णित कीजिए।
Q8. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के विशिष्ट संदर्भ में 18वीं शताब्दी के भारत के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में कर्नाटक युद्धों की भूमिका पर चर्चा कीजिए।
Q9. तीन कर्नाटक युद्धों का संक्षिप्त विवरण देते हुए, उन कारकों पर चर्चा कीजिए जिनके कारण भारत पर नियंत्रण के लिए संघर्ष में फ्रांसीसियों के विरुद्ध अंग्रेजों को सफलता प्राप्त हुई।
Q10. उत्तरकालीन मुगलों की प्रमुख कमजोरियों और उनके पतन के लिए उत्तरदायी कारणों पर प्रकाश डालिए।
Q11. 18वीं सदी और आरंभिक 19वीं सदी में अंग्रेजों द्वारा लागू की गई विभिन्न भू-राजस्व प्रणालियों की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
Q12. उन कारणों को सूचीबद्ध कीजिए जिन्होंने स्थायी बंदोबस्त प्रणाली की शुरुआत को प्रेरित किया। साथ ही इसके परिणामों की भी विवेचना कीजिए।
Q13. अरबिंदो घोष को ‘देशभक्त कवि, राष्ट्रवाद का मुखर वक्ता और मानवता का प्रेमी’ क्यों माना जाता है? कारण बताइए।
Q14. बाह्य दबाव और औपनिवेशिक विरोध के साथ-साथ घरेलू दबाव ने यूरोपीय शक्तियों को उपनिवेशों पर अपना दावा छोड़ने के लिए विवश किया। सविस्तार वर्णन कीजिए।
Q15. भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में, विशेष रूप से 20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध के दौरान प्रवासी भारतीयों द्वारा निभाई गई भूमिका पर चर्चा कीजिए।